पढाई OR Believe
यह हर किसी के मन में सवाल होगा कि यार मेरा तो पढ़ाई में मन ही नहीं लगता। क्या करूं ? कैसे करूं? मुझसे तो यह नहीं हो रहा!! मैं तो बहुत ही डफर हूं । मुझे कुछ नहीं आता है। ऐसा सब..
पहले तो यह डफर वाली और average वाली बात ना अपने दिल से निकाल दो । किसने कहा तुम्हें average हो । तुम्हारे parents ने या तुम्हारी सोसायटी या समाज ने ? तो क्यों सुनते हो उन सब की बात। तुम्हें खुद पर विश्वास नहीं है क्या। कि तुम average नहीं हो या फिर खुद ही मान लिया है। मेरी नजर से तो कोई भी average नहीं होता । सभी बराबर होते है। पर वह जो हमारा believe बन जाता है ना खुद से , वह नहीं टूटता ।
तुमने मान लिया कि तुम 70 ला सकते हो । तुम बहुत पढ़ोगे फिर भी उससे ऊपर नहीं जा पाओगे। हमारा believe इतना strong बन जाता है कि हम उसे तोड़ ही नहीं पाते । और कोई 90 ला रहा है तो वैसा सोचेगा कि इस बार 90 है अगली बार 92 फिर 94 ऐसे करके वह 98 तक भी पहुंच ही जाएगा। क्योंकि उसका believe strong है इसीलिए।
और हा तुम लोग कोई अंबानी के बेटे नहीं हो कि तुम नहीं पढ़ोगे तो फिर भी तुम्हारे लिए सब तैयार ही है । अरे नहीं भाई !! यहां तो हमें खुद से खुद का एंपायर खड़ा करना होता है । अगर आप में कोई skill है तो बेशक आप पढ़ाई से थोड़ा हटकर उस पर फोकस करें मगर कुछ सूझ नहीं रहा ना तो कोई बात नहीं जाओ ओर जाके पढ़ो क्योंकि पढ़े लिखे बिना तुम लोगों का कुछ होने नहीं वाला।
पढ़ाई में मन ना लगे ना तो एक बार super 30 देख लेना । उनके जैसे हालात तो नहीं है ना तुम्हारे। अरे उनसे तो कहीं बेहतर हो ना तुम लोग । फिर भी नहीं पढ़ रहे , वाह !! मुझसे नहीं पढ़ा जा रहा यह अपने believe को तोड़कर आगे बढ़ो । किताबों में अपना सर खपाओ। बादशाह बन कर बाहर निकलोगे ।
Morel : अगर किसी भी घर में एक बच्चा पढ़ लेता है तो उसके आने वाली तीन पीढ़ियां सुधर जाती है ।
(Super 30 )
Wow, super 30,
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