अहंकार
अब इस विषय में आप सबकी दो राय होगी कुछ लोग कहेंगे कि अहंकार अच्छा होता है, और कुछ लोग कहेंगे कि अहंकार बुरा होता है । आप लोग कहेंगे कि अच्छा कैसे ? मैं बताता हूं । यदि आप से किसी ने कहा की यह तुम नहीं कर सकते और तुम्हारा ego hert हो गया और तुमने वह कार्य करके दिखा दिया तो वह अहंकार अच्छा होता है। मगर कार्य करने के बाद आप ये सोचने लगे की ये कार्य कोई और नहीं कर सकता तो वह अहंकार निश्चिंत ही तुम्हें ले डूबेगा।
मैं मानता हूं कि अहंकार सब में होता है। मेरे विचार से अहंकार सिर्फ एक energy है । उसे अच्छे काम में लगाइए तो निश्चित ही अच्छा परिणाम मिलेगा मगर यह आप पर हावी हो गया तो आप का विनाश निश्चित है । अहंकार मिठाई की तरह होता है मापसर हो तो कोई दिक्कत नहीं मगर हद से बढ़ जाए तो डायबिटीस करके छोड़ता है ।
अब अहंकार की बात है तो निश्चित ही आप रावण को याद कर रहे होंगे, कि उसे बहुत अहंकार था ऐसा कुछ.. मगर रावण को अपने ज्ञान पर गर्व था,मगर हा जब यह गर्व अहंकार में बदल गया तब उसका विनाश हुआ। गर्व और अहंकार दोनों अलग अलग चीज है। यह याद रखिए हनुमान जी को अपनी शक्ति पर कभी अहंकार नहीं हुआ तो लोग उन्हें आज भी मानते हैं। कई बार अहंकार को तोड़ना आवश्यक होता है । हमारे गुजराती में एक कहावत है..
" શેર ના માથે સવા શેર "
अर्जुन के अहंकार को तोड़ने के लिए कर्ण था और रावण के अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान शिव थे । आप मे भी अहंकार होगा , मना मत कीजिएगा सब में होता है । जिस प्रकार मन की व्यथा चेहरा बता देता है ठीक उसी प्रकार इंसान का अहंकार उसका स्वभाव बता देता है । अहंकार अच्छा होता है बस उसे खुद पर हावी न होने दे । आप अच्छा कर सकते है , बेशक उस पर गर्व करिए मगर आप ही अच्छा कर सकते है , इस गलतफहमी में ना रहिएगा दोस्त.. दिक्कत होगी हमेशा..!!
Morel : जिस दिन आप का अहंकार बोलने लगाना , बेशक ले डूबेगा..!!
Nice Good
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