संगर्ष ( मेहनत )
जिस प्रकार आप अपनी भूख को अपने शरीर से अलग नहीं कर सकते ठीक इसी प्रकार आप अपने संघर्ष को भी अपने अपने आप से अलग नहीं कर सकते ।
लोग अक्सर संघर्ष से भागने लगते हैं कि हम से नहीं होगा। मगर मूर्ख मनुष्य यह नहीं सोचता कि संघर्ष तो उसी दिन शुरू हो गया था जब से वह पैदा हुआ था । मैं तो यह कहूंगा कि शायद तब से कि जब वह पैदा भी नहीं हुआ था। माता के गर्भ से ही उसका संघर्ष शुरू हो जाता है। 9 महीने गर्भ में टिक कर रहना एक प्रकार का संघर्ष ही है। आसान नहीं होता है यह , मगर हम इस संघर्ष को नहीं जानते । हम नजरअंदाज कर देते है । कभी नहीं सोचते इसके बारे मै। हम तब संघर्ष से नहीं भागे तो अब क्यों भाग रहे हैं ?
मैं वह कोई बड़े लोगों का उदाहरण नहीं देने वाला की अंबानी को देखो, स्टीव जॉब्स को देखो , इलोन मस्क को देखो । मैं ऐसा कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि यह सब बातें तो सभी कहते हैं। पर मनुष्य को हर टाइम कुछ नया देखना पसंद होता है। यदि समय के चलते मेहनत ना की जाए तो फिर समय पूरी जिंदगी संघर्ष करवाता है।
इस छोटी सी गली में रहकर यदि कुछ नहीं किया तो इस गली में ही मर जाओगे। चार लोग उठा लेंगे फिर , जला देंगे 13 दिन सब याद करेंगे और फिर हो गया । मगर यदि संघर्ष को अपने जीवन का ध्येय बना लिया तो हा भले ही इस छोटी सी गली में पैदा हुए हो मगर इसमें मरोगे तो बिल्कुल नहीं । यदि आप सोचते हो कि हमसे नहीं हो पाएगा तो आप जरा अपनी मां की तरफ देख लेना कि कितने प्रयासों के बाद , कितने संघर्ष के बाद वह आप को जन्म देती है सिर्फ यह देखने के लिए कि उसका बेटा या बेटी संगर्ष से दूर भागते है। जीवन में कुछ न उखाड़ पाए । नहीं ना !!
तो फिर बैठे क्यों हो । जाओ उठो और काम करो और हां एक बात हमेशा याद रखना कि सफलता 1 दिन मैं नहीं मिलती मगर 1 दिन जरूर मिलती है ।
Morel : यदि आपकी मेहनत को देखकर लोग हसते हैं तो बेशक उन्हें हसने दीजिए। क्योंकि अभी तो उनको आपके लिए तालियां भी बजानी है । जब आप उनके सामने बड़े आदमी होंगे । ( सिर्फ संघर्ष से ही संभव है )
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ReplyDeleteSuper Quotes
ReplyDeleteThis blog is amazing,keep it up bro...
ReplyDeletegood job. Please have a look on https://bomsomguys.blogspot.com/2020/05/weight-loss-tips-eating-habits.html
ReplyDeleteLiterally Awesome Brother
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