Monday, 1 June 2020

संतोष या भूख?

संतोष या भूख 

          राजा भोज के दरबार में एक दिन बहेस होने लगी कि संसार में सबसे बडा क्या है ? किसी ने धन कहा, किसी ने समय कहा , तो किसी ने अग्नि । मगर कालिदास चुप थे। उन्हें पूछने पर उन्होंने बताया कि संसार में सबसे बडा संतोष होता है । ओर सब इस बात को मान गए। 

          क्या कालिदास की बात सच हे । संसार में सबसे बड़ा संतोष है ? या फिर भूख ? अब आप लोग कहगें कि भूख केसे तो में बता देता हु की संतोष जरूरी होता है मगर कभी कभी किसी चीज को पाने की भूख संतोष सें अधिक आवश्यक होती हे । संतोष आपको शांति देता है और भूख एक नए संगर्श को जन्म देती है  । 



          एक बात कह देता हूं कि भूख ओर लालसा दोनों अलग अलग चीज होती है । मान लो आपने 12 तक पढ़ाई की ओर आपको संतोष हो गया कि बस अब और आगे नहीं पढ़ना । तो ये तो गलत हे ना मतलब ऐसा संतोष कभी नहीं होना चाहिए । अरे संतोष तो महान लोगो को अंग होता है ( आप और में हम सब में कोई भी महान नहीं है इसीलिए हमारे लिए भूख ज्यादा जरूरी होती है । ) जिसे अब कुछ भी खोने का डर नहीं , जिसे अब कुछ भी पाने कि इच्छा नहीं , वास्तव में वहीं इंसान संतोषी होता है ।

          तो क्या भूख नहीं होनी चािहए जीवन में ? बेशक होनी चाहिए । आपको पढ़ाई कि भूख होनी चाहिए । पैसा कमाने की भूख होनी चाहिए । अपने काम के प्रति भूख होनी चाहिए। कुछ नया नया सीखने की भूख होनी चाहिए । अपने सपनो के प्रति भूख होनी चाहिए । इन सब में कभी भी संतोष नहीं होना चाहिए ।

Morel : संतोष के आने से जीवन में स्थिरता आती है और भूख आगे का मार्ग दिखती है । निर्णय आप को करना है ।

Wednesday, 27 May 2020

अपने पैरो पर खडा होना सीखो

अपने पैरो पर खडा होना सीखो 




          हा , अपने पैरो पर खडा होना सीखो । में ये स्पष्ट बता देता हु की आप 18 तक तो पहोंच ही गए होगे । ओर 18 तक पहोंचने का मतलब है कि आपमें थोड़ी बुद्धि भी आ गई होगी।  अब उस बुद्धि का केसे सदुपयोग करना है वो आप पे depend करता है। 

          अमेरिका में ना बच्चे 15 के होते ही घर छोड़ के काम करने लगते है।  में ये नही कह रहा कि तुम भी घर छोड़ दो। वैसे भी घर छोड़ कर तुम लोग जाओगे भी कहा।  वापस तो यही आना हे। क्यों कि गुजराती में एक कहावत है " ધરતી નો છેડો ઘર ". में ये कह रहा हूं कि आप लोग अभी से आत्मनिर्भर बन जाइए।  अपना छोटा छोटा खर्चा उठाना सीखे।  पहले तो आप 18 के है मतलब आप under age नहीं है । पहले अपने आप को पहचाने ओर फिर थोड़ा काम करना शुरू कीजिए।

          देखिए माता पिता तो कभी नहीं कहेंगे मगर आप समजदार हो , यार तुम लोग बोज नहीं लगते खुद को । कोई 18 से 20 वाला इंसान मुफ्त कि रोटिया केसे तोड़ सकता है । हा आपके मा बाप आपको कुछ काम नहीं करने देंगे हा में इस बात का सम्मान करता हू। मगर समजना तो आपको है ना कि हाथ फेलाके पैसे मांगने है या फिर या फिर थोड़ा कमा के दोनों हाथो से पैसे उड़ने है । में खुद कि ही बात करता हू की मैने पिछले 2 साल से कभी घर से पैसे नहीं मांगे।  ओर अब तो मांगने ने का मन भी नहीं करता सच कहुं तो । तो कुछ सोचो ओर इस lockdown मैं खुद को पहचानो ओर कुछ करो जिससे आप अपने पैरो पर खड़े हो सके।

Morel : अपनी खुद की कमाई से कमाया हुआ पैसा अधिक सुख देता है।

Monday, 25 May 2020

लोग क्या कहेंगे.....?

लोग क्या कहेंगे.....?

          मान लो कि आप रास्ते में कहीं जा रहे हो और किसी ने आपसे रास्ते में यह कर दिया कि बेटा घर चले जाओ रास्ते में तुम्हारा accident हो जाएगा तब काम उनकी बात मानोगे क्या ? कभी नहीं ना । जब हम तब उनकी बात नहीं मानते तो फिर हम पूरी life क्यों सुनते रहते हे इन सब लोगो कि..



          अगर कोई लड़की है और वो थोड़ी open minded है मगर family नहीं है open minded । तो लोग तो यही कहेंगे ना कि ऐसा मत करो , ये मत करो , वरना लोग क्या सोचेंगे तुम्हारे बारे में ऐसा ही कुछ। हम indians को हर छोटी बड़ी चिजो में "लोग क्या कहेंगे" का सामना करना ही पड़ता है । ज्यादातर लड़कियों को मगर लड़को को भी कम समना नहीं करना पड़ता । अगर लड़के ने यह कह दिया कि में सिर्फ 12 तक पढूंगा और इसके बाद में अपनी skill के according काम करूंगा । तब ये सवाल अवश्य उठेगा कि बेटा पहले ग्रेजुएशन तो पूरा कर को फिर जो करना है वो करना । वरना लोग क्या कहेंगे।  अरे लोगो का क्या है उनका तो काम ही है कुछ ना कुछ केहना। 

          हा कई ऐसी family भी होती हे जो खुद अपने बच्चो को इन सब बातो से protect करती हो । अगर बाहर से किसी ने कुछ कह दिया तो ये लोग खुद ही कहेंगे कि अरे हम अपने बच्चो को नहीं रोकते तो आप कोन होते हो ये सब करने वाले।  दुनिया में ना कुछ भी करना मगर इन लोगो की बातो को ना कभी दिल पे मत लेना क्यों की ये सब वो लोग है जो एक ही घाव को बार बार कुरेदते है। अगर आज जो तुम कर रहे हो और तुम्हे लगता है कि इस काम से किसी को भी कोई नुक्सान नहीं है और ये काम भी अच्छा है तो 1000 लोग आ करके कुछ बोले फिर भी तुम अपना काम करते जाओ और अपनी सफलता से इन सब का मुह बंद करा दो

          दो कुए के मेंढक में रेस लगी कि कोन पहले ये पहाड़ चड सकेगा तो । तो सब लोग मजाक उड़ने लगे दोनों का । जब रेस सुरु हुई तो उनमें से एक मेंढक ने लोगो की सुन के हार मान ली और दूसरे ने रेस पूरी कर के जीत गया । ओर बाद में पता चला कि वो मेंढक बेहरा था।  उसे लोगो की बाते सुनाई ही नहीं दी।  अगर वो सुनता ये सब बाते तो हो सकता है शायद वो कभी जीत ही ना पता।  जितेन्द्र माजी को भी लोगो ने रोका था पर्वत तोड़ ने के लिए मगर उसने पर्वत तोड़ दिया किसी की बात नहीं सुनी और आज वो mountain Man के नाम से प्रसिद्ध है ।


  •  लोग ना एक दिन बात करेंगे,
  • दूसरे दिन हसेंगे ओर
  •  तीसरे दिन भूल जायेगे।


Morel : सब से बड़ा रोग
              क्या कहेंगे लोग ।

Saturday, 23 May 2020

Fillings of importance

Fillings of importance 

          हा,  सच है यह बात । आप माने या ना माने पर लोग हमे अहेमियत दे यह हम सबको पसंद होता है । मतलब वह कहते हे ना की कुछ "सनातन सत्य" जैसा होता है । यह भी बिल्कुल यही सत्य है।

          मै आपको बताता हू। चलिए मान लीजिए कि class में कोई बच्चा है, जिसे कोई बात नहीं करता, ना ही उससे कोई दोस्त है, और ना ही टीचर का या किसी और का support है । ऊपर से वह बच्चा hostel में रहता है। मगर उसके वहा पर भी कोई दोस्त नहीं है। ऐसे में उस बच्चे का दिमाग किस प्रकार का हो जाएगा। उसके दिमाग पर इन सब बातों का क्या प्रभाव पड़ेगा ? वह कभी किसी से घुल-मिल नहीं पाएगा। क्यों? क्योंकि उस बच्चे को लोगों की तरफ से कभी impotence  मिली ही नही। अब उसके opposit कोई टॉपर है । सब उससे बात करते है। लड़कियां उसके आगे पीछे घूमती है। principal तक झुक जाते हैं इनके सामने । ऐसे बच्चे ना सातवें आसमान पर होते हैं। क्योंकि लोगों की तरफ से impotence मिला है ना उन्हें।


     हमारा दिमाग ऐसा होता है कि अगर उसे impotence दे कर आगे बढ़ाया जाए तो वो बहुत कुछ अच्छा कर सकता है । हम कुछ लोगों को नहीं मानते , कि अरे यह तो कैसा है मैं ऐसे लोगों से कभी बात भी ना करू। नहीं , नहीं करना चाहिए। आपकी इन सब बातों का उसके दिमाग पर क्या असर होगा यह कोई नहीं जानता सिवाए उसके। लोगों को उनके काम की अहेमियत मिलनी ही चाहिए। अगर कोई पढ़ाई में अच्छा है तो बोलो यार कि वह सच में बहुत अच्छा है । शायद यह सब सुनकर उसका उत्साह और बढ़ जाए । और यह तो अच्छी बात है ना..!

          लोग भूखे होते हैं impotence और attention के । और यह भूख बढ़ती जाती है। जब आप अच्छा कर रहे हो पर फिर भी लोग उसे गलत ही समझे तब , मैं यह नहीं कह रहा impotence के बहाने आप उन सब में घुस जाओ । मगर हा आप उसमें अच्छा देखें तो बताओ उसे।  उसे थोड़ी impotence दो यार । तुम्हारे पैसे थोड़ी खर्च हो रहे हैं। तो फिर क्या दिक्कत है..

Morel : अगर किसी को impotence देनी है ना तो सबके सामने । दो ताकि उसका मनोबल और बढे। और अगर उसे सलाह देनी है तो उसे अकेले में दो ताकि उसका मनोबल ना टूटे।

Thursday, 21 May 2020

पढाई OR Believe

पढाई OR Believe

          यह हर किसी के मन में सवाल होगा कि यार मेरा तो पढ़ाई में मन ही नहीं लगता। क्या करूं ? कैसे करूं?  मुझसे तो यह नहीं हो रहा!! मैं तो बहुत ही डफर हूं । मुझे कुछ नहीं आता है। ऐसा सब..

          पहले तो यह डफर वाली और  average वाली बात ना अपने दिल से निकाल दो । किसने कहा तुम्हें  average हो । तुम्हारे parents ने या तुम्हारी सोसायटी या समाज ने ?  तो क्यों सुनते हो उन सब की बात। तुम्हें खुद पर विश्वास नहीं है क्या। कि तुम average नहीं हो या फिर खुद ही मान लिया है। मेरी नजर से तो कोई भी average नहीं होता । सभी बराबर होते है। पर वह जो हमारा believe बन जाता है ना खुद से , वह नहीं टूटता ।

          तुमने मान लिया कि तुम 70 ला सकते हो । तुम बहुत पढ़ोगे फिर भी उससे ऊपर नहीं जा पाओगे। हमारा believe इतना strong बन जाता है कि हम उसे तोड़ ही नहीं पाते । और कोई 90 ला रहा है तो वैसा सोचेगा कि इस बार 90 है अगली बार 92 फिर 94 ऐसे करके वह 98 तक भी पहुंच ही जाएगा। क्योंकि उसका believe strong है इसीलिए।


          और हा तुम लोग कोई अंबानी के बेटे नहीं हो कि तुम नहीं पढ़ोगे तो फिर भी तुम्हारे लिए सब तैयार ही है । अरे नहीं भाई !! यहां तो हमें खुद से खुद का एंपायर खड़ा करना होता है । अगर आप में कोई skill है तो बेशक आप पढ़ाई से थोड़ा हटकर उस पर फोकस करें मगर कुछ सूझ नहीं रहा ना तो कोई बात नहीं जाओ ओर जाके पढ़ो क्योंकि पढ़े लिखे बिना तुम लोगों का कुछ होने नहीं वाला।

          पढ़ाई में मन ना लगे ना तो एक बार super 30 देख लेना । उनके जैसे हालात तो नहीं है ना तुम्हारे। अरे उनसे तो कहीं बेहतर हो ना तुम लोग । फिर भी नहीं पढ़ रहे , वाह !!  मुझसे नहीं पढ़ा जा रहा यह अपने believe को तोड़कर आगे बढ़ो । किताबों में अपना सर खपाओ। बादशाह बन कर बाहर निकलोगे ।

Morel : अगर किसी भी घर में एक बच्चा पढ़ लेता है तो उसके आने वाली तीन पीढ़ियां सुधर  जाती है ।

                                                               (Super 30 )

Tuesday, 19 May 2020

जो अच्छा लगे वह करो

 जो अच्छा लगे वह करो 

          चलो मान लो कि एक चिड़िया है उसे मैं यह कहूं कि तुम्हें आसमान की ऊंचाइयों को छूना है तो क्या वह कर पाएगी ?  नहीं ना !!  अरे वह पूरी जिंदगी प्रयास करेगी, आखिर में मर जाएगी तब भी नहीं कर पाएगी । और अगर मैं यही बात चिल से करू तो वह ये कार्य कर देगी।  इससे हमें क्या पता चलता है ?!  यही ना कि जिसका में अच्छा हो वही करना चाहिए ।


          मैं यह नहीं कह रहा कि तुम सभी काम मैं अच्छे हो।  अरे पर किसी एक काम में तो अच्छे होगे ना दोस्त ! कभी विचार किया है इस बारे मेंब?  नहीं ना । मैं खुद की ही बात करता हूं , मुझे खुद नहीं पता था कि मैं किसमे अच्छा हूं पर इस lockdown में जरूर पता चल गया ।


         आप लोग दूसरों से तो बहुत बात करते हो पर कभी खुद से बात की है ?  और अगर आपका जवाब हा है तो दोस्त, अपने खुद के बारे में जो सोचा है उसे पूरा भी कर सकते हो। बस थोड़ा प्रयास की जरूरत है । और हा  जिस दिन आपने खुद को पहचान लिया ना , सच में बवाल मचा दोगे । मे कोई बड़े आदमी का उदाहरण नहीं देना चाहता मगर मेरे आस-पास ही इतने लोग हैं कि जो अपने काम में सच में बहुत अच्छे है..


  •  कोइ computer का Master है ,
  •  तो कोई बहुत अच्छा लिख सकता है ,  
  • तो कोई drowning अच्छी बना लेता है , 
  • कोई 18-18 घंटा भी पड़ सकता है , 
  • तो कई लोग  जब मैं निराश होता हूं मुझे हिम्मत देते हैं और सही राह दिखाते है ।

          अरे भगवान ने पृथ्वी पे भेजा है तो कुछ तो दिया होगा ना तुम्हें यार। में कोई  चमत्कारिक शक्तियों की बात नहीं कर रहा जिसे जगाने की जरूरत है । कुछ तो ऐसी बात है जो आपको दूसरो से अलग करती है, बस उसे अपने व्यवहार में लाइए । सच में जीने का मजा आ जाएगा।

Morel : बस आप स्वयं को जाने और कुछ नही ।


Sunday, 17 May 2020

संगर्ष ( मेहनत )

        संगर्ष ( मेहनत )

          जिस प्रकार आप अपनी भूख को अपने शरीर से अलग नहीं कर सकते ठीक इसी प्रकार आप अपने संघर्ष को भी अपने अपने आप से अलग नहीं कर सकते ।

          लोग अक्सर संघर्ष से भागने लगते हैं कि हम से नहीं होगा। मगर मूर्ख मनुष्य यह नहीं सोचता कि संघर्ष तो उसी दिन शुरू हो गया था जब से वह पैदा हुआ था । मैं तो यह कहूंगा कि शायद तब से कि जब वह पैदा भी नहीं हुआ था।  माता के गर्भ से ही उसका संघर्ष शुरू हो जाता है।  9 महीने गर्भ में टिक कर रहना एक प्रकार का संघर्ष ही है। आसान नहीं होता है यह , मगर हम इस संघर्ष को नहीं जानते । हम नजरअंदाज कर देते है ।  कभी नहीं सोचते इसके बारे मै। हम तब संघर्ष से नहीं भागे तो अब क्यों भाग रहे हैं ?

          मैं वह कोई बड़े लोगों का उदाहरण नहीं देने वाला की अंबानी को देखो, स्टीव जॉब्स को देखो , इलोन मस्क को देखो ।  मैं ऐसा कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि यह सब बातें तो सभी कहते हैं।  पर मनुष्य को हर टाइम कुछ नया देखना पसंद होता है। यदि समय के चलते मेहनत ना की जाए तो फिर समय पूरी जिंदगी संघर्ष करवाता है।


           इस छोटी सी गली में रहकर यदि कुछ नहीं किया तो इस गली में ही मर जाओगे। चार लोग उठा लेंगे फिर , जला देंगे 13 दिन सब याद करेंगे और फिर हो गया । मगर यदि संघर्ष को अपने जीवन का ध्येय बना लिया तो हा भले ही इस छोटी सी गली में पैदा हुए हो मगर इसमें मरोगे तो बिल्कुल नहीं । यदि आप सोचते हो कि हमसे नहीं हो पाएगा तो आप जरा अपनी मां की तरफ देख लेना कि कितने प्रयासों के बाद , कितने संघर्ष के बाद वह आप को जन्म देती है सिर्फ यह देखने के लिए कि उसका बेटा या बेटी संगर्ष से दूर भागते है। जीवन में कुछ न उखाड़ पाए । नहीं ना !!

          तो फिर बैठे क्यों हो । जाओ उठो और काम करो और हां एक बात हमेशा याद रखना कि सफलता 1 दिन मैं नहीं मिलती मगर 1 दिन जरूर मिलती है ।

Morel : यदि आपकी मेहनत को देखकर लोग हसते हैं तो बेशक उन्हें हसने दीजिए।  क्योंकि अभी तो उनको आपके लिए तालियां भी बजानी है । जब आप उनके सामने बड़े आदमी होंगे । ( सिर्फ संघर्ष से ही संभव है )

Friday, 15 May 2020

अपने काम को रोज करो

     अपने काम को रोज करो

          मैने 1 दिन बहुत खाना खा लिया दूसरे दिन से कुछ भी नहीं खाया चलेगा क्या ? नहीं ना मर जाओगे ऐसे तो। रोज खाना खाना पड़ता है ना यार । संदीप महेश्वरी का कोई वीडियो देख लिया पढ़ाई से रिलेटेड,  पूरे दिन बस पढ़ाई करने लगे खुश हो गए किया तो मजा ही आ गया।  दूसरे दिन बुक को देखते ही, " तू कौन है बे? मुझसे दूर रहे "  ऐसा कह दिया चलेगा क्या ? नहीं ना फेल हो जाओगे ऐसे तो । रोज पढ़ना पड़ता है ना यार।

          कोई भी चीज अगर रोज ना की जाए तो वह कभी हो ही  नही सकता कि जो आपने सोच रखा है।  मैं समझाता हू ।  मान लो कि तुमने कुछ लिखना चालू किया और दो-चार दिन लिख कर , चलो बस हो गया बहुत,  ऐसा सोच लिया तो क्या तुम कभी भी वो कर पाओगे जो तुमने पहले दिन सोचा था लिखने से पहले कि हां मैं यह कर लूंगा।  कुछ नहीं हो सकेगा।


  • जैसे एक दिन जिम जाने से बॉडी नहीं बनती। 
  • 1 दिन खाने से कोई मोटा नहीं हो जाता । 
  • 1 दिन पढ़ने से कोई टॉपर नहीं बन जाता है। 
  • 1 दिन प्रार्थना करने से कोई भगवान नहीं मिल जाते (वह तो वैसे भी नहीं मिलते ) 
  • जैसे 1 दिन उड़ने से कोई चिल आसमान को नहीं छू लेती । 


          ठीक इसी प्रकार कोई भी कार्य 1 दिन करने से नहीं होता यार।  रोज करना पड़ता है ना उसे । तब जाकर कुछ उखाड़ पाते हो जिंदगी मे। अरे रोज ऐसा क्यों नहीं सोचती कि आज पहला दिन है। कैसे नहीं होता कुछ मैं भी देखता हू। तुम प्रयास ही नहीं करते कभी।

Morel : अगर कोई काम लगातार करने का साहस नहीं है ना तो please रहने दो आप..!!

Thursday, 14 May 2020

हा, तब मैंने भगवान को देखा..


                          हा,  तब मैंने भगवान को देखा..

          एक गरीब का बच्चा मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा कि उसे भूख लगी है। मैंने उससे खाना खिला दिया, एक शायद वेफर का पैकेट था। मैंने उसके सामने एक विकल्प रखा मैंने उससे कहा कि जब तुम यह पैकेट खरीदो तो मुझे बताना जरूर कि तुमने पैकेट खरीदा है और इस पैसे का कोई गलत उपयोग नहीं किया । शायद वो 5 साल का छोटा सा बच्चा था ।


          वह सामने एक दुकान पे गया । उसने दुकान से एक वेफर का पैकेट खरीदा , उसने वह पैकेट हवा में लहराया और मुझे दिखाया कि देखो मैंने खरीदा है। मैं कुछ बोल नहीं पाया 

बस देखता रहा..
बस देखता रहा..
बस देखता रहा..
 
          हा , तब मैंने भगवान को देखा था उस बच्चे के अंदर..

Morel : हर बार जानना जरूरी नही है , कुछ बातें मानना भी जरूरी है।
                      - It's a true story because it's my own experience..😊

Wednesday, 13 May 2020

अहंकार ( EGO )


     अहंकार

          अब इस विषय में आप सबकी दो राय होगी कुछ लोग कहेंगे कि अहंकार अच्छा होता है, और कुछ लोग कहेंगे कि अहंकार बुरा होता है । आप लोग कहेंगे कि अच्छा कैसे ?  मैं बताता हूं  । यदि आप से किसी ने कहा की यह तुम नहीं कर सकते और तुम्हारा ego hert  हो गया और तुमने वह कार्य करके दिखा दिया तो वह अहंकार अच्छा होता है। मगर कार्य करने के बाद आप ये सोचने लगे की ये कार्य कोई और नहीं कर सकता तो वह अहंकार निश्चिंत ही तुम्हें ले डूबेगा।

          मैं मानता हूं कि अहंकार सब में होता है। मेरे विचार से अहंकार सिर्फ एक energy है । उसे अच्छे काम में लगाइए तो निश्चित ही अच्छा परिणाम मिलेगा मगर यह आप पर हावी हो गया तो आप का विनाश निश्चित है । अहंकार मिठाई की तरह होता है मापसर हो तो कोई दिक्कत नहीं मगर हद से बढ़ जाए तो डायबिटीस करके छोड़ता है ।


          अब अहंकार की बात है तो निश्चित ही आप रावण को याद कर रहे होंगे, कि उसे बहुत अहंकार था ऐसा कुछ.. मगर रावण को अपने ज्ञान पर गर्व था,मगर हा जब यह गर्व अहंकार में बदल गया तब उसका विनाश हुआ। गर्व और अहंकार दोनों अलग अलग चीज है यह याद रखिए हनुमान जी को अपनी शक्ति पर कभी अहंकार नहीं हुआ तो लोग उन्हें आज भी मानते हैं। कई बार अहंकार को तोड़ना आवश्यक होता है । हमारे गुजराती में एक कहावत है..
                          " શેર ના માથે સવા શેર "

          अर्जुन के अहंकार को तोड़ने के लिए कर्ण था और रावण के अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान शिव थे । आप मे भी अहंकार  होगा , मना मत कीजिएगा सब में होता है । जिस प्रकार मन की व्यथा चेहरा बता देता है ठीक उसी प्रकार इंसान का अहंकार उसका स्वभाव बता देता है । अहंकार अच्छा होता है बस उसे खुद पर हावी न होने दे । आप अच्छा कर सकते है , बेशक उस पर गर्व करिए मगर आप ही अच्छा कर सकते है , इस गलतफहमी में ना रहिएगा दोस्त.. दिक्कत होगी हमेशा..!!

Morel : जिस दिन आप का अहंकार बोलने लगाना , बेशक ले डूबेगा..!!

Tuesday, 12 May 2020

आत्मविश्वास

     आत्मविश्वास


          हा, आत्मविश्वास जिसे आप लोग " confidence " बोलते हो। हर कार्य मे हर छोटी से छोटी चीज मे अगर कुछ जरूरी है तो वो हे आत्मविश्वास।

          जीस प्रकार नदियां जल के बिना अधूरी होती हे, ठीक इसी प्रकार इंसान भी आत्मविश्वास के बिना अधूरा होता हे। नदी मे जल ना होने पे उसमे मछलियां नई रहती,उसमे कमल भी नई खिलते, ठीक इसी प्रकार इंसान मे आत्मविश्वास ना होने पे वो कोई कार्य नहीं कर सकता,वो कोई सफलता नई पा सकता। हा सफलता पाने के लिए लगन जरूरी होती हे मगर उस लगन तक पहोचने के लिए आत्मविश्वास जरूरी होता हे।

          खुद पे विश्वास रखो ना यार, जो काम कोई दूसरा कर सकता हे वो तुम भी तो कर सकते हो ना । रामायण के अंगद को तो जानते ही होगे तुम लोग । हा वही जिसने रावण की सभा मे अपना पैर जमा दिया था।  उसे केहते हे विश्वास , खुद पे विश्वास , आत्मविश्वास । उसे विश्वास था कि राम का नाम लेके मैने पैर जमा दिया है तो किसी मे इतना साहस नही की वो मेरे विश्वास को तोड सके। परिणाम आप लोग जानते ही है किसी से पैर नहीं उठा । अंगद का आत्मविश्वास जीत गया । शायद उसे थोडी सी भी शंका होती तो हो सकता हे कोई उसका पैर उठा भी लेता मगर नही कोई नहीं उठा पाया । इसी लिए केहता हू की खुद पे विश्वास रखे । जीत जाओगे ।

          यदि ये पढ़ने के बाद आपमे थोड़ा सा भी विश्वास आया है तो जाईए जाके अपना काम शुरू कीजिए । ओर हा खुद पे विश्वास रखे , आत्मविश्वास रखे ।

Moral : जिस प्रकार नाव के डगमगाने से उसमे बैठा इंसान भी डगमगाने लगता है ठीक उसी प्रकार आत्मविशवास के डगमगाने से सफलता भी डगमगाने लगती हे..!!

https://youtu.be/E7bHnXQS9tk

Monday, 11 May 2020

जागने का समय आ गया है।

     जागने का समय आ गया है।

          हा,अब जागने का समय आ गया है।

          अब आप लोग कहेंगे कि हम तो पहले से ही जगे हुए हे। बेशक आप लोग जगे हुए होगे मगर मेरी नजर से तो आप लोग अभी भी सो रहे हो। अब आप लोग कहेंगे की वो कैसे?

          कभी कभी आपको ऐसा नई लगता कि ये काम आपको करना चाहिए , हा आपको पता है कि ये काम आपके लिए बहोत जरूरी है , मगर फिर भी आप लोग उसे नही करते। उसे आप लोग अलास बोलते है , मे उसे आत्मा की निंद्रा बोलता हू। जिसका मन सो जाता है,जिसकी आत्मा सो जाती है फिर भले ही वो इंसान पूरी रात जागता रहे फिर भी वो इंसान सोया हुआ ही रेहता हे। गुजराती मे एक कहावत है

                       "જગ્યા ત્યાં થી સવાર.."

और विवेकानंद जी ने भी कहा है की..

         "ઊઠો જગો અને ધ્યેય પ્રાપ્તિ સુધી મંડ્યા રહો.."

          उनके केहने का यह मतलब था कि अपनी आत्मा को जगाओ, अपने मन को जगाओ, जो काम निश्चित किया हे उसे पूरा करके ही दम लो।

          दुनिया मे सबसे भूखा समय होता है। यदि आप समय का पाचन नहीं कर सकते तो बेशक समय आपको निगल जाए गा। और समय बित जाने के बाद सिर्फ एक ही चीज हाथ मे रहती हे ओर वो होती हे पश्चाताप , पछतावा। "पर अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।" ये आपके साथ ना हो इसलिए अभी भी समय हे जग जाईए। अपनी दो आंखो के अलावा अपनी मन की आंखे भी खोले। यू अपना समय बर्बाद ना करे ओर जागीए। ओर अपना काम शुरू कीजिए।

Morel : सोना बुरी बात नहीं हे , मगर समय पर जागना भी तो आवश्यक होता है ना..!!