संतोष या भूख ?
राजा भोज के दरबार में एक दिन बहेस होने लगी कि संसार में सबसे बडा क्या है ? किसी ने धन कहा, किसी ने समय कहा , तो किसी ने अग्नि । मगर कालिदास चुप थे। उन्हें पूछने पर उन्होंने बताया कि संसार में सबसे बडा संतोष होता है । ओर सब इस बात को मान गए।
क्या कालिदास की बात सच हे । संसार में सबसे बड़ा संतोष है ? या फिर भूख ? अब आप लोग कहगें कि भूख केसे तो में बता देता हु की संतोष जरूरी होता है मगर कभी कभी किसी चीज को पाने की भूख संतोष सें अधिक आवश्यक होती हे । संतोष आपको शांति देता है और भूख एक नए संगर्श को जन्म देती है ।
एक बात कह देता हूं कि भूख ओर लालसा दोनों अलग अलग चीज होती है । मान लो आपने 12 तक पढ़ाई की ओर आपको संतोष हो गया कि बस अब और आगे नहीं पढ़ना । तो ये तो गलत हे ना मतलब ऐसा संतोष कभी नहीं होना चाहिए । अरे संतोष तो महान लोगो को अंग होता है ( आप और में हम सब में कोई भी महान नहीं है इसीलिए हमारे लिए भूख ज्यादा जरूरी होती है । ) जिसे अब कुछ भी खोने का डर नहीं , जिसे अब कुछ भी पाने कि इच्छा नहीं , वास्तव में वहीं इंसान संतोषी होता है ।
तो क्या भूख नहीं होनी चािहए जीवन में ? बेशक होनी चाहिए । आपको पढ़ाई कि भूख होनी चाहिए । पैसा कमाने की भूख होनी चाहिए । अपने काम के प्रति भूख होनी चाहिए। कुछ नया नया सीखने की भूख होनी चाहिए । अपने सपनो के प्रति भूख होनी चाहिए । इन सब में कभी भी संतोष नहीं होना चाहिए ।
Morel : संतोष के आने से जीवन में स्थिरता आती है और भूख आगे का मार्ग दिखती है । निर्णय आप को करना है ।